Thursday 18 February 2016

याद

जब जब तुझे सोचता हूं तो यादों की रेत पे तेरा चेहरा बना लेता हूं,
पर कम्बख्त ये हकीकत की लेहरें उसे भी मिटा देतीं हैं |

No comments: